उत्तरकाशी की मस्जिद को लेकर बहोत टाईम से विवाद चल रहा था लगातार हिंदु संगठन प्रशासन पर दबाव बना रहे थे मस्जिद को गिराओ पर प्रशासन ने जब मस्जिद को गिराने से पहले जब जांच कराइ तो मस्जिद वक्फ बोर्ड की ना होकर किसी की निजी जमीन निकली आप समझ सकते है अगर वक्फ बोर्ड की होती तो इसपर विवाद और भी बढ सकता था खैर..
जिस जमीन पर मस्जिद बनी हुइ है जिला प्रशासन ने मस्जिद को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें कहा गया था कि मस्जिद निजी जमीन पर वैध तरीके से बनी है. इसके बावजूद हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं… निजी जमीन मतलब साफ है जैसे की आप की जमीन है उस पर आप मस्जिद बनाएं या मंदिर ये आपकी मर्जी है, आप के पास कोई जमीन हो तो आप किसी को भी दे सकते है...वो सब आपकी अपनी निजी राय हो सकती है...खैर अब जब उत्तरकाशी की मस्जिद को लेकर जिला प्रशासन ने सब साफ कर ही दिया था तो हिंदु संगठनों की भावनाएं तो आहात होनी ही थी तो बस फिर क्या हुआ
इसी को लेकर एक जनाक्रोश रैली का निकली गयी उत्तरकाशी में जब जनाक्रोश रैली निकली तब तय रुट से हटकर मस्जिद गिराने जा रही भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, अब ये मस्जिद वैध है या अवैध ? ये जिला प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया तो भीड़ को रोकना तो जरुरी था, लेकिन भीड़ ने पुलिस की लाठीचार्ज के जवाबी कर्रवाई पर पुलिस वालो पर ही पत्थरबाजी कर दी।
कुछ सवाल जो लोग सोशल मी़डिया पुछ रहे
क्या इस भीड़ का धर्म देखा जाएंगा?
पत्थरबाजी करने वाले किस धर्म के है?
क्या धर्म के आधार पर कर्रवाई की जाएंगी ?
आपको बता दे इस साल मस्जिद की वैधता को लेकर एक RTI फाइल की गई थी. जवाब में प्रशासन ने बताया था कि उसके पास जरूरी कागजात नहीं हैं. इसके बाद मस्जिद गिराने की मांग के साथ उत्तरकाशी के डीएम को एक ज्ञापन सौंपा गया था.
6 सितंबर को हिंदूवादी संगठन के सदस्य मस्जिद गिराने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे. उन्होंने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे खुद से मस्जिद गिरा देंगे.
इसके बाद डीएम ने मामले की जांच के लिए कमिटी गठित की. इस कमिटी ने बताया कि मस्जिद वैध और यह सरकारी जमीन पर नहीं है. SP अमित श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
"हमारे रिकॉर्ड के मुताबिक, ये मस्जिद एक रजिस्टर्ड जमीन पर बनी है. ये चार लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड है. प्रशासन ने इन संगठनों को ये जानकारी भी दी."
रिपोर्ट के मुताबिक, 'संयुक्त सनातन रक्षक संघ' ने कमिटी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया. और अपनी बात पर अड़ गए कि मस्जिद अवैध है. इसी के खिलाफ उन्होंने प्रदर्शन की अनुमति ली थी.
जिसको लेकर उत्तरकाशी में अब बवाल हो गया.उत्तरकाशी पुलिस ने बताया है कि हिंदू संगठनों की रैली में पथराव के कारण 7 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें 2 गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें एंबुलेंस से हायर सेंटर देहरादून रेफर किया गया है.झड़प और पत्थरबाजी के बाद शहर में स्थिति तनावपूर्ण है. इस तनाव के कारण प्रशासन ने उत्तरकाशी में भारतीय न्याय संहिता की धारा-163 लागू की है...
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उत्तरकाशी की मस्जिद को लेकर भयंकर बवाल
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